Friday, January 15, 2010
हमारी आँखों में ......
ये मेरा पहला कविता जो मैने लिखा .....
ज़रा पड़के बताइए की ये आपको कैसा लगा......
हमारी आँखों में किसी और के लिए आँसू .....
ये सुनने के लिए बहुत अच्छा लगता हे |
किसी और के आँखों में हमारे लिए आँसू .....
ये तो मस्त लगता हे|
लेकिन......
किसी और के आँखों में आँसू का कारण हम बने.....
ये तो मरने का समान होता हे|
Sunday, January 10, 2010
माँ की सलाह ......

माँ अपनी बेटे से .....
1960’स ............ ......... ......... बेटा, अपने वर्ग की लड़की से ही शादी करना
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1970’स…………………….. अपने धर्म की लड़की से ही शादी करना
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1980’स ……………………. अपने लेवेल की लड़की से ही शादी करना
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1990’स ……………………. अपने देश की लड़की से ही शादी करना
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2000 ……………………. अपनी उमर की लड़की से ही शादी करना
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2010 ……………………. कोई भी हो, पर लड़की से ही करना ….…..….. !!!

Thursday, January 7, 2010
मेरा पहला पोस्ट
ये मेरा पहला पोस्ट हेँ |
मेरे पिताजी हमेशा मुझे ये शायरी सुनाते थे
मुझे लगा की ये आपको भी सुनादू ...
लगता नहीं है जी मेरा उजारे दायर में
किस की बनी है आलम-ए-नपायेदार में
कह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसें
इतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दघ्दर में
उम्र-ए-दराज़ माँग कर लाए थे चार दिन
दो आरज़ू में काट गये दो इंतज़ार में
कितना है बदनसीब "ज़फ़र" दफ़्न के लिए
दो गाज़ ज़मीन भी मिल ना सकी कू-ए-यार में
मेरे पिताजी हमेशा मुझे ये शायरी सुनाते थे
मुझे लगा की ये आपको भी सुनादू ...
लगता नहीं है जी मेरा उजारे दायर में
किस की बनी है आलम-ए-नपायेदार में
कह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसें
इतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दघ्दर में
उम्र-ए-दराज़ माँग कर लाए थे चार दिन
दो आरज़ू में काट गये दो इंतज़ार में
कितना है बदनसीब "ज़फ़र" दफ़्न के लिए
दो गाज़ ज़मीन भी मिल ना सकी कू-ए-यार में
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